थ्रोबॉल: एक रोमांचक खेल के बुनियादी नियम और शर्तें
परिचय
थ्रोबॉल एक रोमांचक और तेज़ गति वाला खेल है जो दो टीमों के बीच खेला जाता है। इसकी प्रत्येक टीम में 7 खिलाड़ी होते हैं जो आयताकार कोर्ट पर मौजूद रहते हैं। यह खेल वॉलीबॉल से काफी मिलता-जुलता है। किस खेल का उद्देश्य गेंद को जमीन पर गिरने से बचाते हुए उसे पड़कर तुरंत ही विपक्षी कोर्ट में फेंकना होता है। थ्रोबॉल खेल को इसके सरल नियमों और खेलने में मज़े करने के लिए खेला जाता है।
खेल का उद्देश्य
थ्रोबॉल खेल का मुख्य उद्देश्य गेंद को अपने कोर्ट जमीन पर गिरने से बचाना होता है और गेंद को पकड़ कर तुरंत ही विपक्षी कोर्ट में फेंकना होता है। थ्रोबॉल की प्रत्येक सेट को पहले 15 अंक प्राप्त करने वाली टीम सेट को जीत जाती है। और जो टीम दो सेट जीत जाती है वह खेल को जीत जाती है। थ्रोबॉल में खिलाड़ी गेंद को विपक्षी टीम के कोर्ट में फेंकते हैं और विपक्षी टीम के खिलाड़ी गेंद वापस करने में असफल रहते हैं तो उन्हें एक अंक मिलता है।
खिलाड़ी और टीमें
थ्रोबॉल टीम में खेले जाने वाला खेल है। थ्रोबॉल की प्रत्येक टीम में 7 खिलाड़ी होते हैं। जिन्हें विभिन्न पदों में विभक्त किया जाता है। जिम सेंटर, फ्लैंकर और बैकर खिलाड़ी शामिल होते हैं। फ्लैंकर खिलाड़ी का कार्य सेंटर को गेंद पास करने और विरोधियों को रोकने में मदद करते हैं। सात खिलाड़ियों में से पांच खिलाड़ी स्थानापन्न होते हैं। इस प्रकार टीम में कुल 12 खिलाड़ी होते हैं। लेकिन खेल के दौरान एक समय में केवल सात खिलाड़ी ही मैदान पर उपस्थित रहते हैं।
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खेल का मैदान
थ्रोबॉल खेल का मैदान वॉलीबॉल खेल के मैदान से थोड़ा बड़ा होता है यह एक आयताकार मैदान पर खेला जाता है जिसकी लंबाई 18.30 मीटर और चौड़ाई 12.20 मीटर होती है। थ्रोबॉल में इस्तेमाल की जाने वाली गेम वॉलीबॉल के समान ही होती है लेकिन उससे कुछ बड़ी होती है। मैदान के बीच में एक नेट लगा होता है जिसकी ऊंचाई 2.2 मीटर होती है। वॉलीबॉल खेल में गेंद को पूरे खेल के दौरान मारा या वॉली किया जाता है लेकिन थ्रोबॉल में गेंद को नेट के ऊपर से फेंका जाता है।
थ्रोबॉल के नियम
- थ्रोबॉल खेल का उद्देश्य गेंद को अपने कोर्ट में नीचे गिरने से बचाना होता है और गेंद को पकड़ कर तुरंत ही विपक्षी टीम के कोर्ट में फेंकना होता है।
- थ्रोबॉल में गेंद को वॉलीबॉल की तरह मारा या वॉली नहीं किया जाता है इसमें केवल गेंद को नेट के ऊपर से फेंका जाता है।
- थ्रोबॉल दो टीमों के बीच खेला जाता है प्रत्येक टीम में 12 खिलाड़ी होते हैं लेकिन एक समय पर मैदान में 7 खिलाड़ियों को ही उतरने की अनुमति होती है। सत 5 खिलाड़ी स्थानापन्न होते हैं।
- थ्रोबॉल में खिलाड़ियों को विपक्षी टीम के सर्कल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होती है।
- थ्रोबॉल खेल का मैदान आयताकार होता है कोर्ट का आकार 12.2 मीटर x 18.3 मीटर होता है और नेट की ऊंचाई 2.2 मीटर होती है।
- थ्रोबॉल में वॉलीबॉल में प्रयोग की जाने वाली गेंद का ही प्रयोग होता है। लेकिन यह थोड़ी बड़ी होती है।
- केवल सेवा करने वाली टीम ही अंक प्राप्त कर सकती है। जब विरोधी टीम उल्लंघन करती है, तो सेवा करने वाली टीम को अंक मिलता है।
- गेंद को नेट के ऊपर से वापस न कर पाना, एक खिलाड़ी का गेंद को दो बार छूना, या नेट को छूना खेल के उल्लंघन में शामिल है।
- खेल के अंत में जिस टीम द्वारा अधिकतम अंक प्राप्त कर लिए जाते हैं वह टीम खेल पर विजय प्राप्त कर लेती है।
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निष्कर्ष
थ्रोबॉल एक रोमांचक और आसानी से सीखने वाला खेल है। यह खेल स्कूलों, कॉलेजों और खेल क्लबों में व्यापक रूप से खेला जाता है। यह भारत में भी बहुत लोकप्रिय है। भारत में इसे थ्रोबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा नियंत्रित किया जाता है। यह शारीरिक फिटनेस, टीम वर्क और सहयोग को बढ़ावा देने का भी एक शानदार तरीका है। यदि आप एक नया खेल सीखना चाहते हैं। तो थ्रोबॉल आपके लिए एक सही विकल्प हो सकता है।
FAQ
थ्रोबॉल कहाँ खेला जाता है?
थ्रोबॉल भारत में बहुत लोकप्रिय है और इसे स्कूलों, कॉलेजों और खेल क्लबों में खेला जाता है।
थ्रोबॉल खेलने के लिए कितने खिलाड़ी चाहिए?
थ्रोबॉल की एक टीम में खिलाड़ियों की संख्या 12 होती है लेकिन एक समय पर मैदान पर सक्रिय खिलाड़ी 7 होते हैं।
थ्रोबॉल कितने सेट में खेला जाता है?
थ्रोबॉल खेल तीन सेटों में खेला जाता है। और प्रत्येक सेट 15 अंकों तक चलता है। जो टीम पहले दो सेट जीतती है। वह खेल को जीत जाती है।