जूडो: एक रोमांचक मार्शल आर्ट खेल के बुनियादी नियम
परिचय
जूडो एक प्रकार का मार्शल आर्ट है इसका उपयोग आत्मरक्षा के लिए किया जाता है। जूडो शब्द का अर्थ है कोमल मार्ग है यह खेल जापानी प्रोफेसर जिगोरो कनो ने 1882 में विकसित किया था। यह खेल न केवल शारीरिक शक्ति और तकनीक पर आधारित है। बल्कि यह खेल मानसिक अनुशासन और आत्म-नियंत्रण पर भी जोर देता है। शुरुआत में यह खेल केवल जापान में ही खेला जाता है बाद में इसे 1964 में ओलंपिक खेलों में भी शामिल किया गया। जूडो सीखने वाले व्यक्ति को जुडोका का कहा जाता है।
खेल का उद्देश्य
जूडो खेल का मुख्य उद्देश्य अपने विपक्षी खिलाड़ी को जमीन पर गिराना और शरीर के जोड़ों को लोक करके या उसका गला घोंटकर स्थिर करके खेल को जीतना होता है। 15 वर्ष से कम की आयु के किसी भी व्यक्ति को जूडो की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने की अनुमति नहीं होती है। जूडो खेल में अपने प्रतिद्वंद्वी को फेंकना, पकड़ना या सबमिशन के माध्यम से हराना होता है। यह खेल शारीरिक और मानसिक अनुशासन को बढ़ावा देता है। जूडो एक प्रकार की कला है जो आत्मरक्षा के लिए भी उपयोगी है।
खिलाड़ियों की संख्या
जूडो खेल में खिलाड़ियों को जुडोका कहा जाता है। जुडोका एक विशेष प्रकार की पोशाक को पहनते हैं जिसे गी कहा जाता है। जूडो खेल एकल खिलाड़ियों के बीच खेला जाता है। खिलाड़ी कपड़ों में एक बेल्ट पहनते हैं जो खिलाड़ी की रैंक को दर्शाती है। जूडो खेल में विभिन्न प्रकार की तकनीकों का उपयोग किया जाता है जिन्हें वाजा कहा जाता है वाजा के तीन प्रकार होते हैं। नागे-वाजा, कटमे-वाजा और अटेमी-वाजा हैं।
खेल का समय
जूडो मैच का समय चार मिनट होता है। यदि निर्धारित समय में कोई विजेता नहीं होता है तो गोल्डन स्कोर ओवरटाइम दिया जाता है। जिसमें कोई समय सीमा नहीं होती है। जूडो खेल का मुकाबला 14 मीटर लंबी और 14 मीटर चौड़ी चटाई या तातामी का बना होता है जिसके भीतर 10 मीटर लंबा और 10 मीटर चौड़ा क्षेत्र मुकाबला के लिए चिन्हित होता है। जूडो खेल में आमतौर पर दो तरह से दंड दिए जाते हैं जिनमें से एक शिदो और दूसरा हंसोकू है।
जूडो के नियम
- खेल की शुरुआत और अंत में दोनों खिलाड़ी एक-दूसरे को झुककर अभिवादन करते हैं।
- जूडो खेल को जापानी प्रोफेसर जिगोरो कनो ने 1882 में विकसित किया था।
- जूडो खेल में खिलाड़ी अपने प्रतिद्वंद्वी को फेंकने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग कर सकता है। एक सफल फेंक के लिए प्रतिद्वंद्वी को उसकी पीठ पर गिराना होता है।
- जब खिलाड़ी द्वारा अपने प्रतिद्वंद्वी को पूरी तरह से फेंकने या सबमिशन के लिए मजबूर करने पर इप्पोन मिलता है और मैच वहीं समाप्त हो जाता है।
- जूडो खेल का मुकाबला 14 मीटर × 14 मीटर वाली तातामी पर होता है। जिसके भीतर के 10 मीटर × 10 मीटर के क्षेत्र पर मैच होता है।
- जूडो में खिलाड़ी तीन प्रकार से स्कोर को प्राप्त कर सकते हैं इप्पोन, वाजा-अरी और यूको हैं।
- जूडो खेल में खिलाड़ियों को दो प्रकार से दंड दिए जाते हैं छोटे-मोटे नियमों का उल्लंघन करने पर शिदो और बड़े नियमों का उल्लंघन करने पर हंसोकू दंड दिया जाता है।
- जूडो खेल अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 5 मिनट तक खेला जाता है। खेल के अंत में सबसे अधिकतम अंक प्राप्त करने वाले खिलाड़ी को विजेता घोषित किया जाता है।
- यदि निर्धारित समय के भीतर दोनों खिलाड़ी के स्कोर बराबर रहते हैं तो गोल्डन स्कोर की अवधि दी जाती है।
निष्कर्ष
जूडो एक अद्वितीय मार्शल आर्ट है जो शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा देता है। यह एक प्रकार की कला है जो आत्मरक्षा के लिए उपयोगी है। यह खेल अनुशासन और आत्म नियंत्रण सीखने में मदद करता है। जूडो ओलंपिक खेलों का भी हिस्सा है। शुरुआत में यह खेल केवल जापान तक ही सीमित था लेकिन इसकी लोकप्रियता देखकर आज इस विश्व भर में पसंद किया जाता है। जूडो खेलने वाले खिलाड़ियों को जुडोका नाम से बुलाया जाता है। जो एक विभिन्न प्रकार की पोशाक पहनते हैं।
FAQ
जूडो में कितने प्रकार के अंक होते हैं?
जूडो खेल खिलाड़ी तीन प्रकार से अंक प्राप्त कर सकते हैं। इनमें इप्पोन, वाज़ा-आरी, और युको शामिल हैं।
जूडो मैच का समय कितना होता है?
जूडो मैच का समय चार मिनट होता है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खेल का समय 5 मिनट दिया जाता है। समय के भीतर यदि कोई खिलाड़ी विजेता नहीं होता है तब गोल्डन स्कोर ओवरटाइम होता है।
जूडो में कौन-कौन सी पेनल्टी होती हैं?
जूडो में दो प्रकार की पेनल्टी दी जाती है। शिडो (छोटी पेनल्टी) और हंसोकु-माके (डिसक्वालिफिकेशन) पेनल्टी होती हैं।